गले के कैंसर के लक्षण - शुरुआती पहचान

by Alex Braham 38 views

गले का कैंसर, जिसे कंठ कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है जिसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी है। जल्दी पता लगने से इलाज में आसानी होती है और बचने की संभावना बढ़ जाती है। इस लेख में, हम गले के कैंसर के लक्षणों पर विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप समय रहते सचेत हो सकें।

गले के कैंसर के शुरुआती लक्षण

दोस्तों, गले के कैंसर की शुरुआत में कुछ ऐसे लक्षण दिख सकते हैं जिन्हें हम अक्सर मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं। लेकिन, याद रखिए, शुरुआती पहचान ही बचाव है

1. लगातार गले में खराश या दर्द

यदि आपको लगातार गले में खराश रहती है या दर्द महसूस होता है, जो कुछ हफ्तों से ठीक नहीं हो रहा है, तो यह गले के कैंसर का एक शुरुआती लक्षण हो सकता है। यह दर्द कभी-कभी कान तक भी जा सकता है। कभी-कभी लोग इसे सामान्य सर्दी-जुकाम समझ लेते हैं, लेकिन अगर यह लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इस दर्द की वजह से खाना निगलने में भी दिक्कत हो सकती है।

2. आवाज में बदलाव

आवाज में बदलाव, जैसे भारीपन या कर्कश आवाज, गले के कैंसर का एक और महत्वपूर्ण लक्षण है। अगर आपकी आवाज में बदलाव दो सप्ताह से ज्यादा समय तक रहता है, तो आपको डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। आवाज में बदलाव को हल्के में न लें, खासकर यदि आप धूम्रपान करते हैं या शराब का सेवन करते हैं। यह बदलाव वोकल कॉर्ड्स (vocal cords) में कैंसर के कारण हो सकता है।

3. निगलने में कठिनाई

निगलने में कठिनाई (डिस्फेजिया) भी गले के कैंसर का एक आम लक्षण है। यदि आपको खाना या तरल पदार्थ निगलने में परेशानी हो रही है, या ऐसा महसूस हो रहा है कि कुछ आपके गले में अटका हुआ है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। निगलने में कठिनाई के कारण वजन भी कम हो सकता है, क्योंकि खाने में परेशानी होने से लोग कम खाना खाते हैं।

4. गर्दन में गांठ

गर्दन में गांठ महसूस होना भी गले के कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। यह गांठ छूने पर कठोर और दर्द रहित हो सकती है। यह गांठ कैंसर कोशिकाओं के फैलने के कारण लिम्फ नोड्स (lymph nodes) में सूजन के कारण होती है। यदि आपको अपनी गर्दन में कोई असामान्य गांठ महसूस होती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

5. लगातार खांसी

लगातार खांसी जो ठीक नहीं हो रही है, खासकर यदि खांसी में खून भी आ रहा है, तो यह गले के कैंसर का संकेत हो सकता है। हालांकि खांसी के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, लेकिन लगातार खांसी को गंभीरता से लेना चाहिए, खासकर यदि आप धूम्रपान करते हैं।

6. बिना किसी कारण वजन घटना

बिना किसी कारण वजन घटना भी गले के कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। यदि आपका वजन अचानक कम होने लगे और आपको इसका कोई स्पष्ट कारण न पता हो, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। कैंसर कोशिकाओं के बढ़ने से शरीर की ऊर्जा का उपयोग बढ़ जाता है, जिससे वजन कम होने लगता है।

7. सांस लेने में तकलीफ

सांस लेने में तकलीफ भी गले के कैंसर का एक गंभीर लक्षण हो सकता है। यदि ट्यूमर (tumor) बड़ा हो जाता है, तो यह वायुमार्ग को अवरुद्ध कर सकता है, जिससे सांस लेने में कठिनाई होती है। सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए

गले के कैंसर के अन्य लक्षण

इन शुरुआती लक्षणों के अलावा, गले के कैंसर के कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है:

  • कान में दर्द: कान में दर्द होना गले के कैंसर का एक अप्रत्यक्ष लक्षण हो सकता है। गले के कैंसर के कारण होने वाला दर्द कभी-कभी कान तक भी फैल सकता है। अगर आपको लगातार कान में दर्द रहता है और कोई स्पष्ट कारण नहीं है, तो डॉक्टर से जांच कराना महत्वपूर्ण है।
  • मुंह में छाले: मुंह में छाले जो ठीक नहीं हो रहे हैं, वे भी गले के कैंसर का संकेत हो सकते हैं। ये छाले दर्दनाक हो सकते हैं और खाने-पीने में कठिनाई पैदा कर सकते हैं। यदि आपके मुंह में कोई ऐसा छाला है जो तीन सप्ताह से अधिक समय तक ठीक नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
  • नाक से खून आना: नाक से खून आना असामान्य है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए, खासकर यदि यह बार-बार हो रहा है। गले के कैंसर के कारण नाक के अंदर की रक्त वाहिकाएं कमजोर हो सकती हैं, जिससे खून आ सकता है।
  • लार में खून आना: लार में खून आना भी गले के कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। यह लक्षण अक्सर खांसी के साथ जुड़ा होता है। यदि आपको अपनी लार में खून दिखाई देता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

गले के कैंसर के कारण और जोखिम कारक

गले के कैंसर के कई कारण और जोखिम कारक हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • धूम्रपान: धूम्रपान गले के कैंसर का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। तंबाकू में मौजूद रसायन गले की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सिगरेट, सिगार और चबाने वाले तंबाकू सभी गले के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
  • शराब का सेवन: शराब का अधिक सेवन भी गले के कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। शराब और तंबाकू का एक साथ सेवन करने से खतरा और भी बढ़ जाता है
  • ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी): ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) एक यौन संचारित संक्रमण है जो गले के कैंसर का कारण बन सकता है। एचपीवी विशेष रूप से ऑरोफरीन्जियल कैंसर (oropharyngeal cancer) से जुड़ा हुआ है, जो गले के पीछे, टॉन्सिल और जीभ के आधार को प्रभावित करता है।
  • खराब पोषण: खराब पोषण और विटामिन की कमी भी गले के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। फल और सब्जियों से भरपूर आहार कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली: कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में गले के कैंसर का खतरा अधिक होता है। एचआईवी/एड्स या अंग प्रत्यारोपण के बाद प्रतिरक्षा-दबाने वाली दवाएं लेने वाले लोगों में यह खतरा बढ़ जाता है

गले के कैंसर से बचाव

गले के कैंसर से बचाव के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं:

  • धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान छोड़ना गले के कैंसर से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है। धूम्रपान छोड़ने से आपके गले के कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है
  • शराब का सेवन सीमित करें: शराब का सेवन सीमित करना भी गले के कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। यदि आप शराब पीते हैं, तो इसे कम मात्रा में ही पिएं
  • स्वस्थ आहार लें: स्वस्थ आहार लेना और फल और सब्जियों का सेवन करना गले के कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है। विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं
  • एचपीवी टीकाकरण: एचपीवी टीकाकरण गले के कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अभी तक एचपीवी से संक्रमित नहीं हुए हैं। एचपीवी वैक्सीन ऑरोफरीन्जियल कैंसर के खतरे को कम कर सकती है
  • नियमित जांच: नियमित जांच और स्क्रीनिंग से गले के कैंसर का जल्दी पता लगाने में मदद मिल सकती है। यदि आपको गले के कैंसर के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

निष्कर्ष

गले के कैंसर के लक्षणों को पहचानना और समय पर इलाज कराना जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें, शुरुआती पहचान ही सबसे बड़ा बचाव है। दोस्तों, अपनी सेहत का ख्याल रखें और नियमित जांच कराते रहें! इस जानकारी को अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी शेयर करें ताकि वे भी जागरूक रहें।